ज्योतिपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के द्वारा एक बड़ा बयान काफी चर्चा में आ रहा है दरअसल शनिवार को अलग प्रयास पर मध्य प्रदेश में मुरैना में स्वामी जी आए हुए थे वह उत्तराखंड में शीतकालीन चार धाम यात्रा पर जाते समय मुरैना में रुके और इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की बातचीत करते हुए गौ रक्षा हिंदू राष्ट्र और भारत के विश्व गुरु बने जैसे सभी सवालों के जवाब भी दिए हैं.
इस दौरान उन्होंने यहां भी कहां है कि भारत विश्व गुरु बनने का दावा कर रहा है जबकि असल में आज वह है जगत चेला बन चुका है साथ ही उन्होंने यहां तक भी कहा है कि जब से राजनीतिक लोग धर्म की बात करने लग गए हैं तब से धर्म ध्रुवीकरण का जरिया बन चुका है. भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के सवाल पर भी शंकराचार्य का कहना था कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र बन भी जाता है तो भी वहां हिंदू धर्म तो नहीं होगा नाम हो जाएगा कि यह हिंदू राष्ट्र है लेकिन वहां हिंदू धर्म समाप्त हो जाएगा वह गोलबंदी का राष्ट्र होगा लोग हिंदू हिंदू चिल्लाएंगे हिंदू धर्म तो वहां कुछ होगा ही नहीं शास्त्र वहां ठोकर खाएगा धर्माचार्य बंदी बनाए जाएंगे और धर्म के नाम पर केवल मनमानी चलेगी।
अपनी बात को रखते हुए उन्होंने आगे यहां भी कहा कि बीते 10 सालों से ही देश में हिंदू हिंदू की बातें चल रही है और गजब की बात तो यह है कि जब से यहां पर हिंदू धर्म की बातें हो रही है तभी से 10 सालों में गुमानस के निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है तभी से बूच़डखानों का आधुनिक बना दिया गया है गौ हत्याएं बढ़ रही है कुल मिलाकर बात यही है कि जब से हिंदू धर्म पीछे छोड़कर हिंदू राजनीति की बातें आगे आने लगी है तब से यह हालत हो गई है.
शंकराचार्य आगे कहते हैं कि देखिए ना बांग्लादेश में क्या हो गया वहां हिंदू सताए जा रहे हैं कहीं ना कहीं इसमें राजनीति भी तो शामिल है आखिर धार्मिक दृष्टि से तो हिंदू किसी को नुकसान नहीं पहुंचता इसलिए हिंदू कहीं भी रहे उसको लोग दिक्कत में नहीं डालते लेकिन बांग्लादेश के अंदर हिंदू सताए जा रहे हैं यह राजनीतिक एक कारण ही तो हो रहा है हम यह मानते हैं कि इस प्रकार की राजनीति लंबे समय के लिए ना तो हिंदुओं के हित में है और ना ही भारत देश के हित में है.
स्वामी जी आगे कहते हैं कि इसलिए हिंदू राजनीति के नाम से जो राजनीति चल रही है वह सही नहीं है उसमें अगर हिंदू धर्म का समावेश होगा तभी वह चीज विश्व के कल्याण की भी हो सकती है नहीं तो इस देश का कल्याण नहीं होगा हिंदू जनता को यह जान लेना चाहिए कि धर्म की बात धर्माचार्य से सुनना चाहिए राजनीति की बात राजनीतिक क्यों से सुनना चाहिए राजनीतिज्ञ के मुंह से जो यह हिंदू धर्म की बात सुनाने लगे इसलिए ही पतन हो रहा है.
भारत के विश्वगुरु बनने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘गुरु बनने के लिए सबसे पहले खुद के अंदर गुरुत्व होना चाहिए. जो व्यक्ति गुरु बन रहा है, पहले उसके अंदर गुरुत्व होना चाहिए, तभी वह दूसरों का गुरु बनेगा. सबसे पहले मुझे गुरु होने का गौरव होना चाहिए. आज भारत में ये गौरव नहीं है. आज भारत को अपनी चीजों पर गर्व नहीं है. आज भारत वास्तव में दुनिया का शिष्य है. यहां अगर कुछ भी बनाना होता है तो तुरंत विदेश में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा जाता है, कि वो जाकर देखे, जैसा वहां है वैसा ही यहां बनाए. आज हम हर चीज के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए हैं. हम अभी काशी में थे, वहां प्रधानमंत्री ने काशी के विकास के लिए एक टीम क्योटो भेजी, कि क्योटो जाकर देखे, क्योंकि काशी को क्योटो जैसा बनाना है. काशी को काशी जैसा क्यों न बनाया जाए? एक समय था जब काशी को देखकर क्योटो बनता था. अब क्योटो को देखकर काशी संवर रही है. इसका मतलब ये हुआ कि जब क्योटो काशी जैसा बनना चाहता था, तब हम विश्वगुरु थे. अब अगर हम क्योटो जैसा बनना चाहते हैं तो इसका मतलब है कि हम क्योटो के शिष्य हैं। हम जगत गुरु नहीं हैं, हम जगत शिष्य बन गए हैं। हम भारतीय संस्कृति, भारतीय इतिहास और भूगोल को पीछे छोड़ आए हैं। हमारे देश के नेताओं की नज़र में भारत में कुछ भी अच्छा नहीं है, विदेशों में सब कुछ अच्छा है, इसीलिए हम इसे दूसरों जैसा बना रहे हैं।
ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य ने कहा, ‘हालात ऐसे हैं कि एक बार फिर हर देश यह मानने लगा है कि हमारे जैसा कोई नहीं है। जब सभी यह मानने लगते हैं कि हम भी हैं और हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, तो ऐसे समय में सभी अपनी मनमानी करने लगते हैं, तब जो पहले से हावी हैं, उन्हें दिक्कत होती है, ऐसे में वे एक समूह बनाते हैं, फिर बाद में दो समूह बनते हैं। उनमें से एक हमलावर बनता है और दूसरा जिस पर हमला होता है और फिर विश्व युद्ध होता है। दो विश्व युद्ध हो चुके हैं, तीसरे विश्व युद्ध के संकेत देश के हर विद्वान को दिखाई दे रहे हैं।
स्वामी मुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यूपी में योगी सरकार होने के बाद भी गौरक्षकों को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. गोरक्ष पीठ गौ रक्षा की दीक्षा देता है. उसी उत्तर प्रदेश में गौ हत्या बढ़ गई है. कल ही वृंदावन-मथुरा मार्ग पर धौरेरा के जंगल में कई गायों के शव मिले. जब लोगों को इसकी जानकारी हुई तो वे दौड़े-दौड़े आए और वहां दो-चार हजार लोग इकट्ठा हो गए. लोग सड़क पर आ गए और कहने लगे पता लगाओ ये किसने किया. जैसे ही लोग सड़क पर खड़े हुए तो वहां बड़े-बड़े अधिकारी आ गए, उन्होंने लोगों की एक नहीं सुनी कि ये गाय कहां से आईं, बल्कि उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं, जिसमें किसी का सिर फूट गया, किसी की लाठी टूट गई, किसी को चोट लग गई और कई लोगों को थाने में बैठा दिया गया. यानी गाय खाने वालों की रक्षा की जा रही है, गौरक्षा के लिए खड़े होने वालों पर अत्याचार किया जा रहा है.’
स्वामी मुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यूपी में योगी सरकार होने के बाद भी गौरक्षकों पर अत्याचार हो रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. गोरक्ष पीठ गौ रक्षा की दीक्षा देता है. उसी उत्तर प्रदेश में गौ हत्या बढ़ गई है. कल ही वृंदावन-मथुरा मार्ग पर धौरेरा के जंगल में कई गायों के शव मिले. जब लोगों को इसकी जानकारी हुई तो वे दौड़े-दौड़े आए और वहां दो-चार हजार लोग इकट्ठा हो गए. लोग सड़क पर आ गए और कहने लगे कि पता लगाओ ये किसने किया. जैसे ही लोग सड़क पर खड़े हुए तो वहां वरिष्ठ अधिकारी आ गए, उन्होंने लोगों की एक नहीं सुनी, उन्हें पता लगाना चाहिए कि ये गाय कहां से आई, बल्कि उन्हें लाठियों से पीटना शुरू कर दिया, जिसमें किसी का सिर फूट गया, किसी का हेलमेट टूट गया, कोई घायल हो गया और कई लोगों को थाने भेज दिया गया. इसका मतलब है कि गौ खाने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है, और गौ रक्षा के लिए खड़े होने वालों को परेशान किया जा रहा है.