2025 में इन जातकों पर शुरू होगी शनिदेव की साढ़ेसाती। नए साल 2025 में 4 ग्रह अपनी राशि बदलेंगे। सबसे पहले 29 मार्च को शनि कुंभ राशि से मीन राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद 14 मई को बृहस्पति वृषभ राशि से मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद 18 मई को राहु और केतु कुंभ और सिंह राशि में गोचर करेंगे।
शनि के राशि परिवर्तन से कुछ लोगों की साढ़ेसाती खत्म होगी, कुछ लोगों का कालखंड बदलेगा और कुछ लोगों की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। आइए ज्योतिष चिराग दारूवाला से जानते हैं शनि की साढ़ेसाती कब शुरू होगी और किन लोगों पर खत्म होगी।
शनि के कुंभ राशि में होने से मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। जब शनि कुंभ से मीन राशि में जाएंगे तो मेष राशि पर उनकी साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।
मेष राशि
आपकी राशि मेष पर साढ़ेसाती 29 मार्च 2025 से शुरू होकर 31 मई 2032 तक रहेगी। हालांकि बृहस्पति के सहयोग के कारण साढ़ेसाती का आप पर बुरा असर नहीं होगा।
मकर राशि
मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण चल रहा है। मकर राशि पर साढ़ेसाती 26 जनवरी 2017 को शुरू हुई थी, जो 29 मार्च 2025 को खत्म होगी। यानी साल 2025 में आपको शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलेगी।
कुंभ राशि
शनिदेव 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं और तब से इसी राशि में हैं। शनि का राशि परिवर्तन 29 मार्च 2025 को होगा जहां वे मीन राशि में प्रवेश करेंगे और शनि 2028 तक इसी राशि में रहेंगे। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है।
कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव 3 जून 2027 तक रहेगा। हालांकि इस राशि के लोगों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलेगी। यानी साल 2025 में भी शनि की साढ़ेसाती आप पर रहेगी।
मीन राशि
मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी और इसका पहला चरण 29 मार्च 2025 तक रहेगा और मीन राशि पर साढ़ेसाती 7 अप्रैल 2030 तक रहेगी। मीन राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहता है।
ऐसे में शनि की साढ़ेसाती के बुरे प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल और काले तिल चढ़ाएं। इसके साथ ही शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं और हनुमान जी की पूजा भी करें। ऐसा करने से शनि दोष का प्रभाव कम होता है।